सर्दी में जल्दी उठता,
जाता क्लास में पढने,
नहीं आते उस दिन गुरूजी,
फिर विश्वास उठ जाता पढाई से,
एक दिन वो नहीं आते,
एक दिन हम नहीं जाते,
बस यूहीं पूरा सेमेस्टर निकल जाता हैं,
ऐ खुदा! कैसे सुनाऊँ,
हाल-ए-दर्द स्टुडेण्ट का....
गुरूजी कहते,
दिल लगाकर पढो बच्चो,
जरूर सफलता मिलेगी,
फिर क्या घण्टा सफलता मिलेगी,
जो पढता हूँ वो,
पेपर में न आता,
जो नहीं पढता,
वो छप जाता हैं,
ऐ खुदा! कैसे सुनाऊँ,
हाल-ए-दर्द स्टुडेण्ट का....
मर गया वो कमीना,
जिसने पढाई बनायी थी,
मर रहे हम मासूम बच्चे,
जो हमने पढाई अपनायी है,
लेकिन हम भी वो सिकन्दर है,
एक रात में,
पूरा सैलेबस निपटा लेते हैं,
खुदा भी लेता मजे हमारे,
एक रात जितने हीं नम्बर आते हैं,
ऐ खुदा! कैसे सुनाऊँ,
हाल-ए-दर्द स्टुडेण्ट का....
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