सुपरहीरो
शब्द सुनते ही जेहन में एक साथ कई तस्वीरें उमड़ने लगती हैं- बैटमैन, स्पाइडरमैन,
सुपरमैन, आयरन मैन, एक्स-मैन, थोर, जिन्होंने अच्छाई-बुराई के बीच द्वंद को एक नईं
परिभाषा दी. हॉलीवुड में बनी इन सुपरहीरोज फिल्मों ने पूरी दुनिया में सफलता की
धूम मचा रखी थी जिनसे भारतीय दर्शक भी अछूते नही रहे. इनके रोमांच में इस कदर डूबे
की बॉलीवुड कलाकारों को सुपरहीरो के लिबास में देखने के ख्वाब बुनने लगे. छोटे
पर्दे पर मुकेश खन्ना ने ‘शक्तिमान’ बन दर्शको को सुपरहीरो की सौगात दी, लेकिन बड़े
पर्दे को अब भी एक लम्बा इंतज़ार तय करना था.
आखिरकार
2006 में इंतज़ार खत्म हुआ, निर्देशक राकेश रोशन ने 2003 में अपनी
निर्देशित-निर्मित साइंस-फिक्शन फिल्म ‘कोई मिल गया’ के सिक्वल को सुपरहीरो फिल्म
‘क्रिश’ में तब्दील किया और इस तरह बॉलीवुड को उनका पहला सुपरहीरो मिला. कमजोर
कहानी के चलते भी फिल्म बच्चो-बुड्ढो में खासा लोकप्रिय हुईं. फिल्म का असली नायक
अगर कोई था तो वो ऋतिक रोशन नहीं बल्कि उनके पिता-निर्देशक-निर्माता रोकेश रोशन
थे, जिनकी कड़ी मेहनत के बदौलत बड़े पर्दे के पहले सुपरहीरो की निर्माण हुआ.
दिवाली
2013 पर रिलीज़ इस सीरीज की तीसरी फिल्म ‘क्रिश-3’ के ट्रेलर को देख इसे तकनीक के